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आपकी कुल कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए अगर आप प्रतिदिन 2,000 कैलोरी का सेवन करते हैं तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से आना चाहिए

10 Essential Vitamins

10 Essential Vitamins and Minerals Your Body Needs

Every day, your body produces skin

Every day, your body produces skin, muscle, and bone. It churns out rich red blood that carries nutrients and oxygen to remote outposts, and it sends nerve signals skipping along thousands of miles of brain and body pathways. It also formulates chemical messengers that shuttle from one organ to another, issuing the instructions that help sustain your life.

पौष्टिक विटामिन

1. पौष्टिक आहार

एविवा आपके लिए एक ऐसी माँ है जो आपकी माँ से भी बेहतर है या नहीं है इसका फैसला आप खुद ही कर सकते हो कैसे एक माँ जब अपने बच्चे को जन्म देती है। जब तक वह बड़े नहीं हो जाते बच्चे उसके सेहत खान पान रख रखाव पर ध्यान रखती है। जब बच्चा बीमार पड़ जाये तो कर्ज लेकर इलाज करवाने निकल पड़ती है पर कई ऐसे माता पिता हैं जो अच्छे खासे पैसे कमाते है पर खाने पीने में बेहद ही कंजूसी करते बढ़िया पौष्टिक आहार ना तो खुद खाते और ना ही अपने बच्चो को खिला पाते हैं। अक्सर गाँव देहात में खेती पर निर्भर रहने के कारण हरी सब्जी तो मिल जाती है पर कई ऐसे पौष्टिक विटामिन उन्हें नहीं मिल पता जो दूसरेप खाद्यय पदार्थ में पाई जाती है उदाहरण के तौर पर सेब अनार इत्यादि। पौष्टिक भोजन नीं मिलने से बच्चों के स्वास्थ्य पर व्यापक दुष्प्रभाव होता है।


स्वस्थ शरीर कैसे बनाए रखे यह जरुरी है।

2. क्‍या आप जानते हैं हमें कितना प्रोटीन खाना चाहिए?

क्‍या आप जानते हैं हमें कितना प्रोटीन खाना चाहिए? प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्‍व है लेकिन क्‍या सच में हम इसकी भरपूर मात्रा लेते है।प्रोटीन हमारे शरीर की एनर्जी के लिए बहुत जरूरी होता है और यह बच्‍चों से लेकर बड़ों तक हर उम्रवर्ग के लिए अलग-अलग मात्रा में लिया जाना चाहिए. लेकिन हाल में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 80 प्रतिशत भारतीय लोगों के खाने में प्रोटीन की कमी होती है. 91 प्रतिशत मांसाहारी और 85 प्रतिशत शाकाहारी प्रोटीन की कमी होने पर शरीर में एनर्जी कम होने लगती है। - बाल झड़ने लगते हैं. - नाखून कमजोर हो जाते हैं। - वजन कम होने लगता है। - कमजोरी महसूस होना। कमजोरी महसूस होना. - चोट या जख्‍म जल्‍दी ठीक नहीं होते। - स्लिपिंग डिसवॉर्डर। - सिरदर्द जैसी समस्‍याएं होना इस कमी के लक्षण हैं। शरीर को रोजाना कितने प्रतिशत प्रोटीन की जरूरत होती है... प्रोटीन की आवश्यकता आपके भार और आपके कैलोरी इनटेक पर निर्भर करती है. आपकी कुल कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए. अगर आप प्रतिदिन 2,000 कैलोरी का सेवन करते हैं तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से आना चाहिए


DAIFORA FOR FIT HEALTH कैसे प्राप्त करें?

3. Business Standard Companies

बड़ी बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग Business Standard Companies आपसे पैसे लेकर अरबों रूपयों का मालीक बन चुकी है। आपके खून और पसीने की कमाई से वे अपना सामान बेचती हैं पर उनको आपके सेहत और आपके जीवन से कोई मतलब नहीं होता उनके पास जो थ्योरी और कांसेप्ट है वह है (Buy and out)अर्थ है ( सामान खरीदो और भागो)

एविवा ऑनलाइन शॉप के सेट ऑफ़ 2 ब्यूटी या होम या एजुकेशनल प्रोडक्टस को खरीदने के बाद यदि आप किसी तीसरे प्रोडक्ट की खरीदारी अपने DRCC कोड के प्रयोग से प्रोडक्टस को खरीदारी करने के बाद इसके लिए केवल 7 स्टेज ही निर्धारीत है सभी 7 स्टेज को जोड़कर एविवा ऑनलाइन शॉप आपको देती है 1229 रूपये 7 फ़ूड रिवॉर्ड आपको प्राप्त करती है। जिन्हे पाकर आप एक बेहतर भोजन समय समय पर अपने शरीर को बेहतर विटामिन्स प्रोटीन पहुंचा पाओगे।

इन रिवॉर्ड पैसों का प्रयोग आप रेस्टोरेंट में करो या खुद के घर के किचेन में बनाकर करो एक बेहतर पौष्टिकता रहित भोजनअपने शरीर के लिए आप उपलब्ध करवा पाओगे इस रिवार्ड का अर्थ यही है। डिफोरा फॉर फिट पौष्टिकता रहित भोजन लेने का Period of time सिर्फ एक माह का ही है 1229 रूपया 7 फ़ूड रिवॉर्ड इन्हे एक माह के अंदर DRCC प्रयोग कर लेने पड़ेगे अन्यथा इलेप्स हो जाएगा यह आप के उपर निर्भर है। आप एक माह के अंदर कितने स्टेज तक पहुंच पाओगे। प्रथम सेशन समाप्ति के बाद रिवॉर्ड में दुबारा एंट्री कर सकते हैं।


UNICEF

5. जन्म के बाद बच्चों के शुरुआती वर्षों में पौष्टिक

जन्म के बाद बच्चों के शुरुआती वर्षों में पौष्टिक भोजन ना मिल पाने, खान-पान की बढ़ती ग़लत आदतों और सेहतमंद आहार के प्रति जागरूकता की कमी विश्व भर में एक नई चुनौती का सबब बन रही है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की नई रिपोर्ट दर्शाती है कि सेहतमंद आहार का अभाव ऐसे बच्चों की संख्या लगातार बढ़ा रहा है जिनके स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। पांच साल से कम उम्र में हर तीन में से एक बच्चा – 20 करोड़ से ज़्यादा - या तो अल्पपोषित है या फिर उसका वज़न ज़्यादा है।

यूनीसेफ़ की नई रिपोर्ट, The State of the World’s Children 2019: Children, food and nutrition, बताती है कि छह महीने से दो साल की उम्र के हर तीन में से दो बच्चों को ऐसा आहार नहीं दिया जा रहा जिससे उनके तेज़ी से बढ़ते शरीर और मस्तिष्क को मदद मिले. इन हालात में बच्चों के मस्तिष्क का समुचित विकास ना हो पाने, सीखने की क्षमता कमज़ोर होने, प्रतिरोधक क्षमता कम रह जाने, संक्रमण बढ़ने जैसे ख़तरे पैदा हो रहे हैं।


Micronutrients with a big role in the body vitamins and minerals are often called micronutrients because your body needs only tiny amounts of them. Yet failing to get even those small quantities virtually guarantees disease. Here are a few examples of diseases that can result from vitamin deficiencies:

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फ़ोर ने बताया

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फ़ोर ने बताया, “पिछले कुछ दशकों में तकनीकी, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से आगे बढ़ने के बावजूद हमने एक बुनियादी तथ्य को मानना छोड़ दिया है: अगर बच्चे ख़राब ढंग से खाएंगे, वे ख़राब ढंग से रहेंगे "लाखों बच्चे सेहतमंद आहार इसलिए नहीं खा रहे हैं क्योंकि उनके पास विकल्प ही नहीं है. हम जिस तरह से कुपोषण को समझते हैं उसमें बदलाव की आवश्यकता है. इसका अर्थ महज़ खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है बल्कि सभी तरह के भोजन तक उनकी पहुंच को सुनिश्चित करना है।

(1) इस रिपोर्ट में 21वीं सदी में बाल कुपोषण

इस रिपोर्ट में 21वीं सदी में बाल कुपोषण के सभी स्वरूपों की अब तक की सबसे व्यापक समीक्षा की गई है इसमें कुपोषण के तिहरे बोझ की व्याख्या की गई है: अल्पपोषण, ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी से होने वाली छिपी हुई भुखमरी, और पांच साल से कम उम्र के बच्चों का वज़न अधिक होना रिपोर्ट बताती है कि विश्व भर में 14 करोड़ 90 लाख बच्चे नाटेपन का शिकार हैं या फिर उम्र के हिसाब से उनकी लंबाई बहुत कम है. पांच करोड़ से ज़्यादा बच्चे ऐसे हैं जो इतने अल्पपोषित हैं कि उनकी लंबाई के हिसाब से वे बेहद पतले हैं।

(2) 34 करोड़ बच्चे ज़रूरी विटामिन और पोषक तत्वों जैसे विटामिन ए और आयरन की कमी के शिकार हैं।

34 करोड़ बच्चे ज़रूरी विटामिन और पोषक तत्वों जैसे विटामिन ए और आयरन की कमी के शिकार हैं 4 करोड़ से ज़्यादा बच्चे अधिक वज़न या मोटापे का शिकार हैं उदाहरण के तौर पर, स्तनपान से जीवन की रक्षा की जा सकती है लेकिन इसके बावजूद छह महीने से कम उम्र वाले महज़ 42 फ़ीसदी बच्चों को सिर्फ़ स्तनपान कराया जाता है ऐसे बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिन्हें बाज़ार में बिकने वाला बना-बनाया फ़ार्मूला दिया जाता है।

(3) आज भारत में कुपोषण की दर चौंकाने वाली है।

आज भारत में कुपोषण की दर चौंकाने वाली इसके बावजूद, हमारा देश दुनिया में अविकसित और कमज़ोर बच्चों का सबसे बड़ा ठिकाना बना हुआ है. राज्यों के बीच बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक और भौगलिक विविधताएं हैं इनके चलते कुपोषण के खिलाफ जंग में जीत हासिल करने के लिए पोषण अभियान जैसी कोशिशों की ज़रूरत पड़ रही है. 2017 में राष्ट्रीय पोषण अभियान को सरकार ने कुपोषण के खिलाफ़ एक एकजुट व्यवस्था के तौर पर शुरु किया. ये ख़ास रिपोर्ट भारत में पोषाहार के लिए पहले किए गए प्रयासों और मौजूदा वक्त में जारी क़वायद का एक खाका पेश करती है।

(4) कुपोषण की समस्या से स्थायी तौर पर निजात

इसके साथ ही ये रिपोर्ट, उनकी कामयाबियों और नाकामियों की भी पड़ताल करती है. साथ ही ये उत्तर भारत में पोषण अभियान के अब तक के अनुभवों पर खास रौशनी डालती है, जिसका मक़सद राज्यों द्वारा अपनाए गए इनोवेटिव तरीक़ों और आधुनिक तकनीकों को और आगे बढ़ाना है. रिपोर्ट का निष्कर्ष उन विशिष्ट सुझावों के साथ होगा जिनके ज़रिए सन 2030 तक कुपोषण की समस्या से स्थायी तौर पर निजात मिल सकेगा।


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